वक्त की कीमत
वक्त की कीमत क्या है ये पूछो उससे ,जो वक्त के हर पल को तरसता रहा
जिसने खाया हँ खाना स्वादिष्ट सदा ,भूख क्या है उसको नहीं है पता
भूख क्या है यह जानता है वही ,जो महीनों भोजन को तरसता रहा
ऊँची अटारी में रहने वाले ,नही -बतला सकते हैं पेड की छाँव का मज़ा
गर मज़ा पूछना है छाँव का ,पूछो उससे चिलचिलाती धूप में जो है पैदल चला
ज़िन्दगी की कीमत नही जानते हैं सभी ,कीमत पूछो उससे जो मौत के साये मैं है पला
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