खवाब
ख्वाब तो ख्वाब है ,पूरा नही होता
जो पूरा हो जाए ,वो ख्वाब नहीं होता
ख़्वाबों की दुनिया में सब अपने ही होते हैं ,
कोई दुश्मन नही होता कोई दोस्त नही होता
इस्जग की रेलमपेल में भीड़ बहुत है ,पर -
सब चलते अकेले हैं ,कोई हमसफ़र नही होता
मैंने जो सोचा था ,तू मेरा ही साया है ,
ये सोच बदल दी जीवन ने ,कोई हमसाया नहीं होता
ये स्वप्न जो देखा था ,दुनिया को सजाने का -
स्वप्न -स्वप्न ही रहता है ,सच्चा नही होता
10 Comments:
ख्वाब से हँटकर हकीकत की जमीं पर आओ भी।
जिन्दगी है इक हकीकत जिन्दगानी और है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
aapki hardik komalta,samvedansheelta aur aakrshak lekin saral shaili ko meri HARDIK BADHAI
जिन्दगी ख्वाब दिखाती भी,ख्वाब साकार भी करती है और कुछ ख्वाब टूटते भी हैं ,लेकिन जाने क्यों हम सदा टूटे ख्वाबों को ही याद करते हैं
अच्छी शुरुआत है,जारी रखें
http://gazalkbahane.blogspot.com/
कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/
दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
word verification हटाएं
Aap jageen aankhon se khwaab deekhen...aur dua kartee hun,wo sakaarbhee hon !
shama
क्या खूब कहा है...
पर आपके भावों का आपके परिचय से मेल नहीं बैठता...
अन्यथा ना लें..पर सोचे तों..
क्या हम सिर्फ़ लिखने के लिए लिखते हैं....
शुभकामनाएं...
wahh sarkaar....soch se kahi bad kar paaye aap ke wichar....bhot umda
khwab karna hai haqeeqat
khwab ko pahchaan lo
swapn bhi hota haqeeqat
pukaar lo aur naam lo.
blog jagat men swagat hai.
शब्दों से हार है ,शब्दों से है मार,
शब्दों को सवांर दो तो ये है शब्दों से प्यार ,
आपके सारगर्भित सयंमित शब्द करते हैं मुझको ,
तो लगता है कि शब्दों का है त्यौहार |
इसी तरह प्रेरणा स्र्तोतबने रहें -
सदभावना सहित -
ये स्वप्न जो देखा था ,दुनिया को सजाने का -
स्वप्न -स्वप्न ही रहता है ,सच्चा नही होता
kya baat hai
bahut sahi kaha aapne. seedhe dil ko dastak deti hain panktiyan.
shubhkamnayen
narayan narayan
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home