Monday, May 18, 2009

खवाब

ख्वाब तो ख्वाब है ,पूरा नही होता
जो पूरा हो जाए ,वो ख्वाब नहीं होता
ख़्वाबों की दुनिया में सब अपने ही होते हैं ,
कोई दुश्मन नही होता कोई दोस्त नही होता
इस्जग की रेलमपेल में भीड़ बहुत है ,पर -
सब चलते अकेले हैं ,कोई हमसफ़र नही होता
मैंने जो सोचा था ,तू मेरा ही साया है ,
ये सोच बदल दी जीवन ने ,कोई हमसाया नहीं होता
ये स्वप्न जो देखा था ,दुनिया को सजाने का -
स्वप्न -स्वप्न ही रहता है ,सच्चा नही होता

10 Comments:

At May 19, 2009 at 8:02 PM , Blogger श्यामल सुमन said...

ख्वाब से हँटकर हकीकत की जमीं पर आओ भी।
जिन्दगी है इक हकीकत जिन्दगानी और है।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

 
At May 19, 2009 at 8:10 PM , Blogger Unknown said...

aapki hardik komalta,samvedansheelta aur aakrshak lekin saral shaili ko meri HARDIK BADHAI

 
At May 19, 2009 at 8:21 PM , Blogger gazalkbahane said...

जिन्दगी ख्वाब दिखाती भी,ख्वाब साकार भी करती है और कुछ ख्वाब टूटते भी हैं ,लेकिन जाने क्यों हम सदा टूटे ख्वाबों को ही याद करते हैं
अच्छी शुरुआत है,जारी रखें

http://gazalkbahane.blogspot.com/
कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/
दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
word verification हटाएं

 
At May 19, 2009 at 9:58 PM , Blogger shama said...

Aap jageen aankhon se khwaab deekhen...aur dua kartee hun,wo sakaarbhee hon !
shama

 
At May 19, 2009 at 11:27 PM , Blogger Unknown said...

क्या खूब कहा है...
पर आपके भावों का आपके परिचय से मेल नहीं बैठता...
अन्यथा ना लें..पर सोचे तों..

क्या हम सिर्फ़ लिखने के लिए लिखते हैं....

शुभकामनाएं...

 
At May 20, 2009 at 12:48 AM , Blogger Deepak "बेदिल" said...

wahh sarkaar....soch se kahi bad kar paaye aap ke wichar....bhot umda

 
At May 21, 2009 at 1:06 PM , Blogger Yogesh Verma Swapn said...

khwab karna hai haqeeqat
khwab ko pahchaan lo
swapn bhi hota haqeeqat
pukaar lo aur naam lo.

blog jagat men swagat hai.

 
At May 21, 2009 at 4:29 PM , Blogger karuna said...

शब्दों से हार है ,शब्दों से है मार,
शब्दों को सवांर दो तो ये है शब्दों से प्यार ,
आपके सारगर्भित सयंमित शब्द करते हैं मुझको ,
तो लगता है कि शब्दों का है त्यौहार |
इसी तरह प्रेरणा स्र्तोतबने रहें -
सदभावना सहित -

 
At May 21, 2009 at 11:25 PM , Blogger प्रकाश गोविंद said...

ये स्वप्न जो देखा था ,दुनिया को सजाने का -
स्वप्न -स्वप्न ही रहता है ,सच्चा नही होता


kya baat hai

bahut sahi kaha aapne. seedhe dil ko dastak deti hain panktiyan.

shubhkamnayen

 
At June 6, 2009 at 7:07 AM , Blogger गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home